Manohar government decisions became an example

Editorial: मनोहर सरकार के फैसले बने नजीर, प्रदेश में विकास की बयार

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Manohar government decisions became an example

हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में उन कार्यों को अंजाम दे रही है, जोकि प्रदेश की प्रगति के लिए निर्णायक साबित होने वाले हैं। सरकार ने बीते दिनों में जो निर्णय लिए हैं, वे प्रदेश की जनता के हित में हैं और उनसे राज्य में विकास की गति तेज हुई है। राज्य में अवैध कॉलोनियों को नियमित करके सरकार ने जहां सराहनीय कार्य किया है, वहीं अब कॉलोनियों में फ्लोरवाइज रजिस्ट्री का प्रावधान करके भी सरकार ने उचित कदम उठाया है। विधानसभा में इस संबंध में बिल पारित हो चुका है और अब सरकार ने संशोधित नियम लागू कर दिया है। इसके अलावा सरकार ने प्रावधान किया है कि शहरी निकायों और नगर सुधार मंडलों की प्रॉपर्टी पर अब नए निर्माण किए जा सकेंगे।

इससे प्रदेश के लाखों व्यापारियों को राहत मिली है। इसका अभिप्राय यह है कि शहरी निकायों, नगर सुधार मंडलों द्वारा आवंटित बूथ, दुकान और सर्विस  बूथों पर बने अनियमित निर्माण को नियमित करने की नीति को सरकार ने मंजूर कर लिया है। वहीं सरकार ने छोटे और मध्यम शहरों में अब सभी सेक्टरों में गरीबों के लिए आवासीय भवन बनाने को भी स्वीकृति दी है। यह सब निर्णय आवासीय एवं कमर्शियल कार्यों के संबंध में प्रदेश के लोगों को बड़ी राहत देने वाले हैं। निश्चित रूप से यह समय चुनाव का भी है, लेकिन यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अपने पहले दिन से ही निर्णायक फैसले ले रही है, जिससे प्रदेश का विकास दूसरे राज्यों की तुलना में अपार हो गया है।

दूसरे राज्यों में फ्लोरवाइज रजिस्ट्री की अनुमति होने से इन राज्यों में जमीन की कीमतों में भारी उछाल आया है। हालांकि हरियाणा में अब जब सरकार ने फ्लोरवाइज रजिस्ट्री की अनुमति दे दी है तो यह तय है कि राज्य में भी प्रॉपर्टी की कीमतों में बूम आएगा। इस पॉलिसी का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मध्यम वर्ग को उसके बजट के मुताबिक आवास मिल सकेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीते दिनों प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री आवास योजना लाने की घोषणा की थी, जोकि वक्त की मांग है। संशोधित नियमों के तहत अब किसी भी कालोनी के भवन के स्थानांतरण, बिक्री, उपहार, विनिमय या पट्टे के प्रयोजन के लिए स्वतंत्र आवासीय या वाणिज्यिक फ्लोर के पंजीकरण की अनुमति दी जाएगी।

इसके अलावा अब एसडीएम और डीआरओ कार्यालयों में भी रजिस्ट्री हो सकेगी, इसका अभिप्राय यह है कि अब तहसीलों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है। इस समय के हालात ऐसे होते हैं कि तहसीलों में तहसीलदार और नायब तहसीलदार जमीन की रजिस्ट्री करने में आनाकानी करते हैं या बेवजह की देरी की जाती है। इस बारे में सरकार ने कुछ समय पहले घोषणा की थी, जिसे अब लागू कर दिया गया है।

हरियाणा सरकार ने पराली के प्रबंधन के प्रति भी व्यापक कार्य शुरू किए हैं, प्रदेश में कुछ समय पहले तक पराली जाने के बहुत मामले आते थे, लेकिन अब उन पर अंकुश लगा है। सरकार ने जहां इसके लिए अधिकारियों को तैनात करते हुए उनकी ड्यूटी लगाई है, वहीं अब सरकार ने पराली आधारित उद्योगों को विशेष आर्थिक सहायता की घोषणा की है। राज्य में जैव ईंधन को अपनाने वाले उद्योगों, ईंट-भट्टों, कागज उद्योग, कार्डबोर्ड और धान के भूसे का उपयोग करने वाले उद्योगों को इससे व्यापक फायदा होगा। निश्चित रूप से यह योजना किसानों को अपने खेत में पराली जलाने से रोकेगी, क्योंकि धान के अवशेष जलाने से अच्छा है, उन्हें बेचकर अतिरिक्त कमाई की जा सके। प्रदेश में इस समय लगभग 30 लाख टन पराली उपलब्ध होती है। इसके अलावा सरकार का यह निर्णय भी प्रशंसनीय है कि अब प्रदेश के सभी थर्मल पावर प्लांट बायोमास का इस्तेमाल सुनिश्चित करेंगे।

मनोहर सरकार ने महापौरों को भ्रष्ट जेई समेत ग्रुप सी और डी कर्मियों को निलंबित करने की शक्ति भी प्रदान की है। इसके अलावा प्रशासनिक स्वीकृति 2.50 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दी है। यह शहरों की छोटी सरकारों के लिए सत्ता का विकेंद्रीयकरण करने की कड़ी में एक और पहल है। इससे पहले सरकार ग्राम पंचायतों के सरपंचों की शक्तियों को बढ़ा चुकी है। यह बेहद उचित फैसला है, क्योंकि इससे पहले सभी शक्तियां सरकार के पास ही निहित होती थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रिटायर्ड मीडिया कर्मियों की पेंशन राशि में भी बड़ी बढ़ोतरी की है। उन्होंने बुढ़ापा पेंशन में भी इजाफे के संकेत दिए हैं। निश्चित रूप से इन फैसलों, योजनाओं से राज्य के लोगों को बड़ा फायदा होने वाला है। एक सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह उत्तरदायी और विकासात्मक हो। मनोहर सरकार के समक्ष अब और बहुत से कार्य हैं, उम्मीद है कि सरकार उनके लिए भी प्रयत्नशील रहेगी।  

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